सिसवा बाजार-महराजगंज। विधानसभा का चुनाव चल रहा है, प्रत्याशी विकास के वादों की बौछार करने मे लगे हुए है कि किसी तरह जनता उन्हे वोट दे और वह विधायक बन जाए, ऐसे में सवाल उठता है कि सिसवा क्षेत्र की जनता क्या विकास को लेकर वोट करेगी या फिर प्रदेश व देश की राजनीति में अपना वोट देगी, क्यो कि यह क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है और चुनाव जीतने वाले सपना दिखाते रहे है।
चुनाव विधान सभा का हो या फिर लोकसभा का प्रत्याशी वोट को बटोरने के लिए हर खेल खेलते है चाहे जातिगत खेल हो, धर्मवाद हो या, देश की बात हो या फिर क्षेत्र की विकास की बात हो, यानी किसी ना किसी तरह वोट को बटोरने का प्रयास करते है, ऐसे में सिसवा क्षेत्र की जनता इस विधान सभा चुनाव में वोट कैसे करेगी यह सवाल बनता है, क्यों कि सिसवा क्षेत्र में विकास का वादा करते करते अब तक जनप्रतिनिधियों ने ऐसा कार्य नही किया है जिससे इस क्षेत्र का विकास हुआ हो, और तो और समय के साथ जहां सिसवा को आगे की रास्ते पर चलना चाहिए वही यह पीछे की तरफ चल रहा है, जिला मुख्यालय तक जाने के लिए सड़क ही हालत हो या फिर खड्डा जाने वाली सड़क, जब मुख्य सड़कों की हालत ऐसेी है तो गांव की सड़कों की हालत क्या होगी?, सरकारी बस की सुविधा हो या फिर पैसेंजर ट्रेनों का बंद होना, यह सब तो कही ना कही एक बड़ी समस्या है जो विकास को रोकने का कार्य कर रही है लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने चाहे विधायक हो या फिर सांसद शायद किसी ने ध्यान नही दिया।
अगर हम उच्च शिक्षा की बात करें तो कोई ऐसा सरकारी महिला विद्यालय भी नही है जिससे इस क्षेत्र की लड़कियों को उच्च शिक्षा मिल सके, व्यापार की बात करें तो सिसवा में जो व्यापार आजादी के बाद था और व्यापारी खुश थे, सभी बाजार आगे की तरफ बढ़ता गया और सिसवा का व्यापार टूटता गया, ऐसे में तमाम बड़े व्यापारी सिसवा से पलायन कर दूसरे शहरों की तरफ चले गये।
अगर हम स्वास्थ्य की बात करें तो सिसवा में स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय पर स्थायी रूप से एक अदद महिला डाक्टर की तैनाती तक नही हो सकी, लगभग 15 सालों से कोई स्थाई महिला डाक्टर इस महिला अस्पताल की नही मिली, हां इतना जरूर हुआ कि कुछ-कुछ सालों पर कागजों में तैनाती और स्थानान्तरण होती रही, इस तरफ लाखों महिलाओं का इलाज भगवान भरोसे है, वही बगल में स्थित सीएचसी की हालत तो पूरी तरह खराब है, लाखों रूपये खर्च कर सीएचसी तो बना लेकिन वही हाल इसका भी है, अन्दर न डाक्टर मिलेंगे न तो मरीज, इसके लिए भी जनता आवाज उठाती रही लेकिन वही होता रहा जो होता रहता है, आश्वासन पर आश्वासन मिलते रहे, समय कटता रहा।
इस तरह अगर देखा जाए तो जनप्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र को विकास के नाम पर खूब छला है, ऐसे में अब देखना है यहां की जनता हो रहे विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के विकास के नाम पर वोट देगी या फिर प्रदेश व देश की राजनीति पर?
आगे भी खबर पढ़ते रहे, हम एक-एक कर निचलौल व सोहगी बरवा सहित सिसवा विधान सभा के हर क्षेत्र की भी समस्याओं को आपके सामने लाएंगे।